Wednesday 22 September 2021

मौलाना कलीम सिद्दीकी को यूपी ATS ने गिरफ्तार, अवैध धर्मांतरण के लिए की हवाला के जरिए फंडिंग

 


 

उत्तर प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार (22 सितंबर, 2021) को अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एटीएस ने यह गिरफ्तारी मेरठ से की है। पुलिस ने बताया कि मौलाना जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है, जो कई मदरसों को फंड देता है। इसके लिए उसे विदेशों से भारी फंडिंग मिलती है। मौलाना को पूछताछ के लिए मेरठ से लखनऊ लाया गया है। यूपी एटीएस ने कलीम के साथ ही उसके तीन सहयोगी मौलानाओं और ड्राइवर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर आज यूपी पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह मौलाना की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना कलीम अवैध धर्मांतरण मामले जून 2021 में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम का करीबी है। बताया जा रहा है कि उमर से पूछताछ के बाद मिले सुराग के आधार पर एटीएस ने यह कार्रवाई की है।

64 वर्षीय इस्लामिक स्कॉलर संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था। मौलाना कलीम ग्लोबल पीस सेंटर और जमीयत-ए-वलीउल्लाह का अध्यक्ष भी है। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मौलवियों में से एक कलीम सिद्दीकी कई मदरसों का प्रभारी भी है।

बताया जा रहा है कि कलीम मुजफ्फरनगर के फूलत गाँव का रहने वाला है। वह मुजफ्फरनगर से मेरठ के लिसाड़ीगेट के हुमायूँनगर में स्थित एक मस्जिद के इमाम शारिक में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आया था। मंगलवार (21 सितंबर 2021) रात लगभग नौ बजे नमाज अदा करने के बाद मौलाना वापस मुजफ्फरनगर लौट रहा था, इसी दौरान उसे ATS की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहाँगीर आलम कासमी को जून में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उन पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से कथित फंडिंग के साथ बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में कन्वर्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगा था।




Thursday 16 September 2021

हिंदू इलाकों में पर्चे बंटवाती, मुस्लिम लडकों से शादी करवाती: उज्जैन की शिरीन हुसैन गिरफ्तार


पैसे लेकर उज्जैन में यूनाइटेड इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट में नियुक्ति करने की आरोपित शिरीन हुसैन की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। वह अखबारों में पैम्पलेट डालकर महिलाओं को फंसाने का काम करती थी। ये पैम्पलेट हिंदू इलाकों में बाँटे जाते थे। पैम्पलेट में वह महिला उत्पीडन, जमीनी विवाद, घरेलू हिंसा, श्रमिक शोषण, पुलिस द्वारा FIR दर्ज न करने जैसे मामलों में आवाज उठाने का दावा करती थी।

शिरीन इस तरह के हालात में लोगों को खुद से संपर्क करती। वह घरेलू हिंसा से परेशान लोगों से संपर्क करती और प्रताड़ित करने वाले लोगों से संपर्क कर उन्हें ब्लैकमेल करती। उनसे मोटी रकम वसूलती थी। शिरीन को 11 सितंबर को नागझिरी पुलिस ने धारा 420, 468, 471 व 506 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। शिरीन खुद को यूनाइटेड इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट का राष्ट्रीय महासचिव बताती थी, जबिक उसे पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था।

पुलिस ने कोर्ट में पेशी के बाद रविवार (सितंबर 12, 2021) को उसे चार दिन के रिमांड पर लिया है। पूछताछ के दौरान शिरीन हुसैन पुलिस को भी बरगला रही है। मधु यादव के ऊपर कई आरोप लगा रही है।

यूनाइटेड इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट मानव अधिकार की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी मधु यादव ने बताया कि शिरीन हुसैन उनकी संस्था से 2019 में जुड़ी थी। तब शिरीन हुसैन को मध्य प्रदेश प्रदेश का सचिव नियुक्त किया गया था। लेकिन शिरीन हुसैन को नियुक्ति के दो-तीन माह बाद ही संस्था की अन्य महिला सदस्यों से विवाद के बाद हटा दिया गया था। उसने 30 लोगों से 60-60 हजार रुपए लेकर नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र जारी किए थे। मधु यादव ने छह सितंबर को उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को एक ज्ञापन सौंपा था।

रिपोर्ट के अनुसार वह मुस्लिम लड़कों को शादी के लिए हिंदू लड़कियों से मिलवाती थी। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है। शिरीन हुसैन इतनी शातिर है कि वह बुजुर्गों और अधेड़ लोगों की शादी का ठेका लेती थी। उन्हें युवतियों से मिलाती और शादी के नाम पर पैसा लेती थी। इसके बाद उन युवतियों से बुजुर्गों के खिलाफ केस करवाती और पैसे वसूलती। इन आरोपों की जांच भी पुलिस कर रही है।

लोगों के बीच अपना रुतबा जमाने के लिए शिरीन हुसैन सोशल मीडिया पर अधिकारियों के साथ तस्वीर पोस्ट करती थी। गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले भी वह उज्जैन में कुछ बड़े अधिकारियों से मिली थी। शिरीन के गिरफ्तार होते ही कॉन्ग्रेस और मुस्लिम नेता उसे बचाने के लिए एक्टिव हो गए हैं। इन सभी को शिरीन के घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज में पकड़े जाने का डर है। शिरीन हुसैन के घर से कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।

शिरीन हुसैन की शादी अनाम हुसैन के साथ हुई है। दोनों की यह दूसरी शादी है। अनाम राजनीतिक कार्यक्रमों में साउंड सिस्टम लगाने का काम करता है। दोनों ने शादी के बाद पैसे भी खूब जमा किए हैं। अनाम और शिरीन लग्जरी कारों से घूमते हैं। इनके नेताओं और बड़े लोगों से भी संबंध हैं।

Sunday 12 September 2021

14 साल की लडकी साथ अश्लील हरकत, धर्मांतरण का दबाव : UP पुलिस कर रही जांच


उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक नाबालिग लड़की पर इस्लामी धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है। ये घटना कानपुर के बर्रा आठ इलाके की है। ‘बजरंग दल’ के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। उनका आरोप है कि पुलिस ने इस मामले सिर्फ छेड़छाड़ का ही मामला दर्ज किया है, जबकि पीड़ित बच्ची पर धर्मांतरण के लिए भी दबाव बनाया गया था। रामगोपाल चौराहे पर बुधवार (11 अगस्त, 2021) को ये प्रदर्शन हुई।

इस दौरान हिन्दू कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। ये मामला 14 साल की लड़की से छेड़छाड़ व अश्लील हरकतें करने से जुड़ा है। आरोप है कि जब परिवार ने इसका विरोध किया तो मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने वाले तीन भाइयों ने धर्मांतरण का दबाव बनाया। आरोपितों और पीड़िता का परिवार आस-पड़ोस में ही रहता है। पीड़िता की माँ ने स्थानीय विधायक से न्याय के लिए गुहार लगाई थी।

पुलिस ने इस मामले में छेड़छाड़ की धाराओं के तहत FIR भी दर्ज कर ली थी। लेकिन, इसके बावजूद तीनों भाई पीड़िता के परिवार को धमका रहे थे। जानकारी मिलते ही ‘बजरंग दल’ के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामला सांप्रदायिक होने के कारण महल खराब होने का डर था, इसीलिए पुलिस के साथ-साथ CRPF को भी तैनात किया गया। विधायक महेश त्रिवेदी के बेटे शुभम त्रिवेदी भी मौके पर मौजूद थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी पीड़िता से अभद्र व्यवहार किया है। हिन्दू कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन ख़त्म करने को कहा गया, जिसके बाद उनके और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। शुभम त्रिवेदी ने बर्रा थाने के अतिरिक्त निरीक्षक से माँग की कि चौकी प्रभारी व वहाँ तैनात सिपाहियों पर कार्रवाई की जाए। ‘बजरंग दल’ के कार्यकर्ता उग्र हो गए और नारेबाजी करते हुए व जुलूस निकालने हुए आरोपितों के घर पहुँचे।

आरोपितों के घर से एक शख्स को निकाल कर उसकी पिटाई भी की गई। आनन-फानन में पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उक्त व्यक्ति को हिरासत में लेकर थाने ले आई। इस दौरान उसके घर की महिलाएँ भी हंगामा करने लगीं। ‘अमर उजाला’ की खबर के अनुसार, अतिरिक्त निरीक्षक मोहम्मद आसिफ ने बताया कि आरोपितों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि धाराएँ बढ़ाने की जो माँग है, उस दिशा में भी जाँच जारी है।

जिस वरुण विहार इलाके की ये घटना है, वहाँ मुस्लिमों की भी अच्छी जनसंख्या है। ‘भारत खबर’ के अनुसार, परिवार का आरोप है कि आसपास के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हमारे परिवार को पैसे देकर धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाते हैं। बेटियों के साथ अक्सर छेड़छाड़ करते हैं। हम जब उनकी इस हरकत का विरोध करते हैं तो वे गाली-गलौज करते हैं। छेड़छाड़ के डर से बेटियाँ भी घर से बाहर नहीं निकलती हैं।

Monday 30 August 2021

आगरा में हिन्दू लडकी का अपहरण, धर्मांतरण के बाद जबरन निकाह

 


उत्तर प्रदेश के आगरा से एक लड़की का अपहरण कर उसका जबरन धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी लड़की का कथित तौर पर अपहरण किया गया, उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद इमरान खान नाम के एक शख्स से उसका निकाह करा दिया गया। स्तंभकार विकास सारस्वत ने आज ट्विटर पर एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट साझा किया है।

स्तंभकार के खबर साझा करने के तुरंत बाद, आगरा पुलिस ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और शमशाबाद पुलिस ने टीमें गठित कर पीड़िता की तलाश शुरू कर दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अगस्त को लड़की के लापता होने के तुरंत बाद उसके परिजनों ने शमशाबाद पुलिस से गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क किया था। पुलिस पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए लड़की के पिता ने कहा किया कि पुलिस ने 9 अगस्त को शिकायत दर्ज कर की थी।

शिकायत दर्ज होने के बावजूद शमशाबाद पुलिस ने लड़की का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद पीड़िता के पिता ने रविवार (29 अगस्त) को आईजी और एसएसपी कार्यालय से संपर्क किया। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के तुरंत बाद शमशाबाद पुलिस कार्रवाई में जुट गई और टीमों का गठन कर मामले की जाँच शुरू कर दी।

लापता लड़की के पिता का कहना है कि उन्हें लोगों से पता चला है कि इमरान खान नाम के शख्स ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है। उसके बाद अपने रिश्तेदारों की मदद से इमरान ने उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया और उससे निकाह कर लिया। इमरान खान के रिश्तेदारों ने भी कथित तौर पर पीड़िता के पिता को जान से मारने की धमकी दी है।

झाड़-फूँक के बहाने ठगे ₹16 लाख, फिर धर्मांतरण और निकाह के लिए नेपाल ले जाने की कोशिश

 30 August, 2021

उत्तर प्रदेश के बरेली में झाड़-फूंक के नाम पर झाँसा देने, ठगी और धर्मान्तरण का एक और मामला सामने आया है। ताजा मामले में तथाकथित आरोपित ने खुद को ‘तांत्रिक’ बताते हुए अपने दोस्त के साथ मिलकर एक विधवा महिला से लाखों रुपए हड़प लिए हैं। साथ ही महिला के साथ दुष्कर्म का भी मामला सामने आया है। देनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, अब आरोपित महिला पर इस्लाम कबूलने और निकाह के लिए दबाव बना रहा है। इसके लिए आरोपितों द्वारा विधवा महिला को निकाह के लिए जबरन नेपाल ले जाने की बात भी सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला ने शनिवार (28 अगस्त, 2021) को आइजी कार्यालय पहुँचकर और अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता ने बरेली के बारादरी थाने में मामले की तहरीर दी। मामले में इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक ने बताया कि पीड़िता की तहरीर मिली है। जाँच कर मामले में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है। इकलौते बेटे की तबियत खराब रहती है। काफी दिन पहले मंदिर में उसकी मुलाकात उसी क्षेत्र के रहने वाले एक युवक से हुई। हमदर्दी दिखाकर उसने विधवा महिला के घर आना-जाना शुरू कर दिया। हालात से वाकिफ होते ही घर की दिक्कतों को दूर करने का हवाला देते हुए एक तथाकथित ‘तांत्रिक’ से मुलाकात कराई। झाड़-फूंक करने वाले ने घर में किसी के साये होने की बात कह कर इलाज के नाम पर झाँसा देकर लाखों रुपए हड़प लिए।

पीड़िता ने आरोपितों द्वारा झाँसा देकर करीब 16 लाख रुपए हड़पने की बात कही। रिपोर्ट के अनुसार, 24 अगस्त की देर रात आरोपित दो अन्य लोगों के साथ महिला के घर पहुँचा और धर्म परिवर्तन कर निकाह का दबाव बनाने लगा। साथ ही जबरन नेपाल ले जाने का प्रयास करने लगा। पीड़िता के अनुसार, शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी देकर आरोपित भाग निकले।

गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने बदायूँ जिले से एक ग्रूमिंग जिहाद गिरोह के मास्टरमाइंड सैय्यद निजाम को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बरेली जिले के जगतपुर निवासी सैय्यद निजाम को पकड़ा है, जो खुद को तांत्रिक बताकर हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करवाता था।

सैय्यद निजाम पर आरोप है कि उसने इस्लाम मजहब कबूल करवाने के लिए हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फँसाया। वह जादू-टोना का इस्तेमाल करके एक चुटकी में उनकी समस्याओं का समाधान करने का दावा ​करता था। बाद में वह उन युवतियों को अपने घर पर बुलाता और उनके साथ दुष्कर्म करता। फिर वह जबरन उनका धर्म परिवर्तन करा देता।

जाँच के दौरान पता चला कि आरोपित ने एक दर्जन से अधिक लड़कियों को हिंदू से मुस्लिम बना दिया है। साथ ही निजाम ने यह भी कबूल किया है कि उसने पीड़ितों को झूठ बोलकर और धमकाकर उनसे कम से कम 25 लाख रुपए लूटे हैं। निजाम का अपना जुर्म कबूल करने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह कबूल करता दिख रहा है कि उसने युवतियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है।

इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड सैय्यद निजाम ने यह भी कबूल किया है कि वो महिलाओं और लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाता था। ग्रूमिंग जिहाद गिरोह में निजाम के अलावा 12 और आरोपित शामिल हैं।


https://hindi.opindia.com/national/uttar-pradesh-bareilly-accused-trying-to-pull-the-widow-from-home-to-nepal-for-force-marriage-by-conversion/

Sunday 29 August 2021

राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी

 

 राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी

गुजरात के वडोदरा शहर की पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट की जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए आरोपितों (सलाहुद्दीन और उमर गौतम) के बारे में बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने सलाहुद्दीन और उमर गौतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया है।

वडोदरा पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपितों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं। सिंह ने बताया कि हवाला फंड दुबई के रास्ते आता था। आरोपितों को एक ट्रस्ट के जरिए यूके, यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपितों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।

पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित – मोहम्मद उमर गौतम और सलाहुद्दीन शेख – फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं और वडोदरा पुलिस की टीम एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट के साथ वहाँ पहुँची थी। दिल्ली निवासी उमर गौतम को जून में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने धोखे से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वहीं शेख को यूपी एटीएस ने पिछले महीने वडोदरा के पानीगेट इलाके से गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर गौतम और अन्य को अवैध धर्मांतरण के लिए धन मुहैया कराया था। मामले की आगे की जाँच करने के लिए वडोदरा पुलिस द्वारा पाँच सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का भी गठन किया गया था।

पिछले दिनों यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला था कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) विदेशों से फंड इकट्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।

बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया था कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकट्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।

संदर्भ : OpIndia


Saturday 28 August 2021

5 राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी


गुजरात के वडोदरा शहर की पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट की जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए आरोपितों (सलाहुद्दीन और उमर गौतम) के बारे में बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने सलाहुद्दीन और उमर गौतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया है।

वडोदरा पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपितों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं। सिंह ने बताया कि हवाला फंड दुबई के रास्ते आता था। आरोपितों को एक ट्रस्ट के जरिए यूके, यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपितों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।

पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित – मोहम्मद उमर गौतम और सलाहुद्दीन शेख – फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं और वडोदरा पुलिस की टीम एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट के साथ वहाँ पहुँची थी। दिल्ली निवासी उमर गौतम को जून में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने धोखे से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वहीं शेख को यूपी एटीएस ने पिछले महीने वडोदरा के पानीगेट इलाके से गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर गौतम और अन्य को अवैध धर्मांतरण के लिए धन मुहैया कराया था। मामले की आगे की जाँच करने के लिए वडोदरा पुलिस द्वारा पाँच सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का भी गठन किया गया था।

पिछले दिनों यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला था कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) विदेशों से फंड इकट्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।

बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया था कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकट्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।

Thursday 19 August 2021

JMB आतंकियों की गिरफ्तारी, हुआ नए पैटर्न का खुलासा : हिंदुओं का चोला पहनो, हिंदू लडकियों को फंसाओ

 

पिछले वर्ष ढाका में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की सदस्य आएशा जन्नत उर्फ प्रज्ञा देबनाथ के गिरफ्तार होने के बाद पश्चिम बंगाल में चल रहे धर्मांतरण और माइंडवॉश के घिनौने खेल का पर्दाफाश हुआ था। आएशा एक हिंदू लड़की थी जिसका 2009 में धर्मांतरण हुआ और वह करीब दस साल बाद आतंकी संगठन की सक्रिय सदस्य होने के कारण ढाका में पकड़ी। इसी क्रम में इसी संगठन के तीन सदस्य हाल में फिर बंगाल से पकड़े गए और जब कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने इनसे पूछताछ की तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक जानकारी निकल कर सामने आई और ये भी पता चला कि आखिर प्रज्ञा जैसी लड़कियाँ आएशा में कैसे तब्दील हो रही हैं।

दरअसल, पिछले माह कोलकाता पुलिस की एसटीएफ ने नजीउर रहमान पावेल, मेकैल खान और रबीउल इस्लाम को गिरफ्तार किया था। ये तीनों जेएमबी के संचालक थे और मौका पाकर भारत में घुस आए थे। इसलिए इनकी गिरफ्तारी बड़ी कामयाबी मानी गई। मगर जब पूछताछ हुई तो तस्वीर कुछ और ही थी। हकीकत में आतंकी संगठन से जुड़े यह तीनों सदस्य न केवल अपनी असल पहचान छिपाकर बंगाल के रिहायशी इलाके हरिदेवपुर में अपार्टमेंट लेकर रह रहे थे बल्कि हिंदू लड़कियों को निशाना बना रहे थे ताकि इन्हें एक सेफ पहचान मिल सके। इन्होंने शक की नजरों से बचने के लिए खुद को व्यापारी, फल विक्रेता और मच्छरदानी बेचने वाले के तौर पर पेश किया हुआ था। इनमें नजीउर ने अपना नाम जयराम बेपारी रखा था और फिर मैकेल के साथ दो हिंदू महिलाओं को दोस्ती के जाल में फँसाकर उनसे शादी की योजना बना रहा था।

आतंकी हिंदू धर्म का चोला पहनकर चला रहे मॉड्यूल

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारी कहते हैं, “आतंकी समूहों के लिए धर्म अब वर्जित नहीं है, बल्कि वे इसे अपनी पहचान छिपाने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। धर्म बदलना अब इन आकाओं के लिए कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है, बल्कि वे इंटेलिजेंस को चकमा देने के लिए इसका प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहे हैं।”

अधिकारी बताते हैं कि इन आतंकियों के लिए शादी महत्वपूर्ण और प्रभावी साधन है। इससे इन्हें भारतीय पहचान मिलने में मदद तो मिलती ही है, साथ ही इन्हें एक स्थानीय पहचान भी प्राप्त होती है जो इनके लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। इससे स्थानीय लोग और स्वाभाविक रूप से पुलिस उनके अस्तित्व से अनजान रहती है।

बेरोजगारी का उठाया खूब लाभ

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी में बढ़ी बेरोजगारी का आतंकी संगठनों ने खूब फायदा उठाया। न केवल जेएमबी, अंसारुल्लाह गुट, बल्कि आईएस जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी गुट ने भी युवाओं को निशाना बनाते हुए अपना जाल फेंका। पुलिस की टीम ने स्वयं उन तीनों आतंकियों से पूछताछ के बाद बताया कि ये लोग कभी आमने-सामने मिलकर तो कभी ऑनलाइन बेरोजगार लड़के-लड़कियों को निशाना बना रहे थे।

बंगाल पुलिस में कम हैं स्लीपर सेल से निपटने वाले कॉन्सटेबल

पूछताछ के बाद निकलकर आई जानकारी ने जाँच अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मेधावी बेरोजगारों का ब्रेनवॉश केवल जमीनी स्तर पर ही पुलिस द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए कॉन्सटेबल स्तर के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। मगर, दुर्भाग्य से बंगाल में ऐसा नहीं हुआ। बंगाल पुलिस में उन जवानों की कमी है जो स्लीपर सेल के खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं।

कोलकाता के छोटे गाँव की लड़की प्रज्ञा कैसे बनी JMB की आएशा जन्नत

यहाँ बता दें कि जेएमबी की आएशा भी कोलकाता के धनियाकाली पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गाँव पश्चिम केशाबपुर की रहने वाली थी। पढ़ाई के दौरान उसकी सबसे अच्छी दोस्त मुस्लिम थी। उसके प्रभाव में बेहद खुफ़िया तरीके से प्रज्ञा (आएशा) का धर्म परिवर्तन कराया गया।

साल 2009 के दौरान धोखे से उसे इस्लाम धर्म कबूल कराया गया और फिर उसका नाम बदलकर रखा गया आएशा जन्नत मोहोना। इसके बाद उसमें मजहबी कट्टरता भरकर जेएमबी की सदस्यता दिलाई गई और काम सौंपा गया कि वह भी हिंदू लड़कियों को इस्लाम कबूल करने का लालच दे।

आएशा ने ये सब किया भी। उसने कट्टर मौलवी सलफी से हिंदू लड़कियों का परिचय करवाया और फिर उनके धर्मांतरण पर काम किया। आएशा को संगठन से फंड इकट्ठा करने की ज़िम्मेदारी भी मिली थी। लेकिन उसका मुख्य काम यही था कि सबसे पहले वह ऐसे युवाओं की पहचान करे जिन्हें आसानी से कट्टरपंथी बनाया जा सकता है। इसके बाद उन्हें जेएमबी की सदस्यता दिलवाना था।

राज्य से पकड़ा गया था JMB का टॉप कमांडर

साल 2020 में ही बंगाल के मुर्शिदाबाद में पुलिस ने इस्लामिक आतंकी और जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के टॉप कमांडर अब्दुल करीम उर्फ बोरो अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया था। वह लंबे समय से देश भर में पहचान छिपाकर घूम रहा था। वह बोधगया विस्फोट में शामिल धुलियन मॉड्यूल का भी मेन लीडर था। उसका काम भी युवाओं को भ्रमित करके संगठन से जोड़ना था।

बेंगलुरु में गिरफ्तार हुआ अबू इब्राहिम

ऐसे ही साल 2020 में बेंगलुरु से भी एक गिरफ्तारी हुई। ये गिरफ्तारी ISIS संचालकों में से एक की थी। इसकी पहचान अबू इब्राहिम के तौर पर हुई। जो कभी अर्थशास्त्र का मेधावी छात्र था लेकिन बाद में सुजीत चंद्र देबनाथ बनकर बेंगलुरु में एक राजमिस्त्री के सहायक के तौर पर काम करके अपनी पहचान छिपाकर रहने लगा।

Monday 9 August 2021

जाहिद ने रवि बन शादीशुदा हिन्दू महिला को फंसाया, मजार पर निकाह-धर्मांतरण


उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में शादी के बाद एक महिला का जबरन धर्म-परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस ने शनिवार (7 अगस्त, 2021) को इस मामले में FIR दर्ज की और फिर आरोपित को धर-दबोचा। हालाँकि, कोतवाली पुलिस ने धर्मांतरण की बात से इनकार किया है। इस घटना की सूचना मिलते ही कई हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता पुलिस चौकी में जमा हो गए और कार्रवाई की माँग की।

पुलिस ने जब आरोपित के घर दबिश दी तो वो वहाँ नहीं मिला। उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री दिनेश सिंह तोमर और हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष सुबोध मिश्रा को महिला ने अपनी आपबीती सुनाई थी। महिला ने उन्हें बताया कि उसका विवाद 2004 में हुआ था, जिसके बाद दो बेटियाँ भी हुईं। पति मानसिक रोगी था, इसीलिए वो एक अस्पताल में नौकरी करने लगीं।

वहीं पर जाहिद नाम का युवक छद्म हिन्दू नाम के साथ नौकरी कर रहा था। वहाँ वो ‘रवि’ नाम से रह रहा था। उक्त युवक ने महिला के साथ नजदीकी बढ़ा कर उसे अपने जाल में फाँस लिया और फिर शादी कर ली। महिला की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। आरोप है कि 2015 में जाहिद उक्त महिला को कायमगंज स्थित एक मजार पर ले गया, जहाँ उसका धर्मांतरण करा दिया। कलमा और दारूल शरीफ की शिक्षा देने का भी आरोप है।

महिला का आरोप है कि उसके पिता की मौत के बाद मिले 1 लाख रुपए भी धीरे-धीरे कर आरोपित ने हड़प लिए। 24 जून, 2021 को बेटी के नाम जमा 50 हजार रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी तुड़वा दी और वो रुपए भी छीन लिए। पीड़िता से अब वो तलाक लेना चाहता है। हिन्दू संगठनों ने स्थानीय कोतवाल को इसकी सूचना दी। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जबरन रुपए ऐंठने और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने बताया कि ससुराल में पीड़िता के साथ मारपीट होती थी और उसे प्रताड़ित किया जाता था। पीड़िता का आरोप है कि जाहिद सलीम का पेशा ही है कि वो युवतियों को अपने जाल में फँसा कर उनका इस्लामी धर्मांतरण कराता है। एसपी ने खुद संज्ञान लेकर नगर कोतवाल को इस मामले की जाँच करने के आदेश दिए हैं। उक्त युवक के साथ शादी के बाद महिला की एक पुत्री भी हुई। आरोप है कि मजार पर युवक ने कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करा कर महिला को बताया था कि अब हमारा निकाह हो गया है।

Wednesday 4 August 2021

धर्मांतरण का विरोध कर रहे रामलिंगम की हत्या के आरोपित PFI सदस्य रहमान को NIA ने किया गिरफ्तार

 राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (05 अगस्त 2021) को यह सूचना दी कि तमिलनाडु के तंजावुर में साल 2019 में हुई रामलिंगम की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता रहमान सादिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। रामलिंगम ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ‘दावा’ कार्यक्रम का विरोध किया था जिसके बाद 05 फरवरी 2019 को उसकी हत्या कर दी गई थी।

ज्ञात हो कि रामलिंगम ने PFI के नेताओं के द्वारा किए जा रहे कार्य का विरोध किया था। इसके अंतर्गत PFI के नेता हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण करा रहे थे। NIA ने बताया कि रामलिंगम ने एक आरोपित मोहम्मद फारुक के सिर से ताक़िया हटाकर उसके माथे पर तिरुनीर लगाकर यह जताने की कोशिश की कि सभी धर्म समान हैं। रामलिंगम की इस कोशिश का बदला लेने और लोगों के मन में खौफ पैदा करने के उद्देश्य से रहमान सादिक ने रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।

इस मामले में 06 फरवरी 2019 को ही केस दर्ज कर लिया गया था। NIA के प्रवक्ता ने बताया कि बाद में NIA ने मामले को अपने हाथ में लिया और 07 मार्च 2019 को NIA के द्वारा दोबारा केस दर्ज किया गया। मामले की जाँच में यह सामने आया कि सादिक तंजावुर में PFI के दावा कार्य का एडमिनिस्ट्रेटर था। उसने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर थिरुभुवनम में रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।

NIA ने बताया कि सादिक और उसके अन्य साथियों ने हत्या के लिए हथियार, वाहन और छुपने के लिए जगह का पूरा बंदोबस्त किया। NIA ने 02 अगस्त 2019 को चार्जशीट दायर की जिसमें 18 लोगों को आरोपित बनाया गया जो PFI और SDPI से जुड़े हुए थे। सादिक, पूरी साजिश को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई स्थानों में पिछले 2 सालों से छुपा हुआ था। सादिक पर ऐसे कार्यों के लिए कट्टरपंथियों की भर्ती करने का आरोप भी है।

ज्ञात हो कि 05 फरवरी 2019 को तंजावुर के निवासी रामलिंगम की इस्लामिक संगठनों PFI और SDPI के सदस्यों के द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या करने से पहले रामलिंगम के हाथ काट दिए गए थे। NIA की चार्जशीट में बताया गया था कि इन संगठनों के ‘मजहबी कार्यों में बाधा डालने’ के कारण रामलिंगम को रास्ते से हटाया गया था।

विहिप ने मतांतरण के मुद्दे को विधानसभा में उठाने नेता प्रतिपक्ष से की मांग

‘ ଧର୍ମାନ୍ତରୀକରଣ विहिप ने मतांतरण के मुद्दे को विधानसभा में उठाने नेता प्रतिपक्ष से की मांग https://www.naidunia.com/ chhattisgarh/bilaspur-v...