Monday 30 August 2021

आगरा में हिन्दू लडकी का अपहरण, धर्मांतरण के बाद जबरन निकाह

 


उत्तर प्रदेश के आगरा से एक लड़की का अपहरण कर उसका जबरन धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी लड़की का कथित तौर पर अपहरण किया गया, उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद इमरान खान नाम के एक शख्स से उसका निकाह करा दिया गया। स्तंभकार विकास सारस्वत ने आज ट्विटर पर एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट साझा किया है।

स्तंभकार के खबर साझा करने के तुरंत बाद, आगरा पुलिस ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और शमशाबाद पुलिस ने टीमें गठित कर पीड़िता की तलाश शुरू कर दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अगस्त को लड़की के लापता होने के तुरंत बाद उसके परिजनों ने शमशाबाद पुलिस से गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क किया था। पुलिस पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए लड़की के पिता ने कहा किया कि पुलिस ने 9 अगस्त को शिकायत दर्ज कर की थी।

शिकायत दर्ज होने के बावजूद शमशाबाद पुलिस ने लड़की का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद पीड़िता के पिता ने रविवार (29 अगस्त) को आईजी और एसएसपी कार्यालय से संपर्क किया। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के तुरंत बाद शमशाबाद पुलिस कार्रवाई में जुट गई और टीमों का गठन कर मामले की जाँच शुरू कर दी।

लापता लड़की के पिता का कहना है कि उन्हें लोगों से पता चला है कि इमरान खान नाम के शख्स ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है। उसके बाद अपने रिश्तेदारों की मदद से इमरान ने उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया और उससे निकाह कर लिया। इमरान खान के रिश्तेदारों ने भी कथित तौर पर पीड़िता के पिता को जान से मारने की धमकी दी है।

झाड़-फूँक के बहाने ठगे ₹16 लाख, फिर धर्मांतरण और निकाह के लिए नेपाल ले जाने की कोशिश

 30 August, 2021

उत्तर प्रदेश के बरेली में झाड़-फूंक के नाम पर झाँसा देने, ठगी और धर्मान्तरण का एक और मामला सामने आया है। ताजा मामले में तथाकथित आरोपित ने खुद को ‘तांत्रिक’ बताते हुए अपने दोस्त के साथ मिलकर एक विधवा महिला से लाखों रुपए हड़प लिए हैं। साथ ही महिला के साथ दुष्कर्म का भी मामला सामने आया है। देनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, अब आरोपित महिला पर इस्लाम कबूलने और निकाह के लिए दबाव बना रहा है। इसके लिए आरोपितों द्वारा विधवा महिला को निकाह के लिए जबरन नेपाल ले जाने की बात भी सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला ने शनिवार (28 अगस्त, 2021) को आइजी कार्यालय पहुँचकर और अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता ने बरेली के बारादरी थाने में मामले की तहरीर दी। मामले में इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक ने बताया कि पीड़िता की तहरीर मिली है। जाँच कर मामले में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है। इकलौते बेटे की तबियत खराब रहती है। काफी दिन पहले मंदिर में उसकी मुलाकात उसी क्षेत्र के रहने वाले एक युवक से हुई। हमदर्दी दिखाकर उसने विधवा महिला के घर आना-जाना शुरू कर दिया। हालात से वाकिफ होते ही घर की दिक्कतों को दूर करने का हवाला देते हुए एक तथाकथित ‘तांत्रिक’ से मुलाकात कराई। झाड़-फूंक करने वाले ने घर में किसी के साये होने की बात कह कर इलाज के नाम पर झाँसा देकर लाखों रुपए हड़प लिए।

पीड़िता ने आरोपितों द्वारा झाँसा देकर करीब 16 लाख रुपए हड़पने की बात कही। रिपोर्ट के अनुसार, 24 अगस्त की देर रात आरोपित दो अन्य लोगों के साथ महिला के घर पहुँचा और धर्म परिवर्तन कर निकाह का दबाव बनाने लगा। साथ ही जबरन नेपाल ले जाने का प्रयास करने लगा। पीड़िता के अनुसार, शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी देकर आरोपित भाग निकले।

गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने बदायूँ जिले से एक ग्रूमिंग जिहाद गिरोह के मास्टरमाइंड सैय्यद निजाम को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बरेली जिले के जगतपुर निवासी सैय्यद निजाम को पकड़ा है, जो खुद को तांत्रिक बताकर हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करवाता था।

सैय्यद निजाम पर आरोप है कि उसने इस्लाम मजहब कबूल करवाने के लिए हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फँसाया। वह जादू-टोना का इस्तेमाल करके एक चुटकी में उनकी समस्याओं का समाधान करने का दावा ​करता था। बाद में वह उन युवतियों को अपने घर पर बुलाता और उनके साथ दुष्कर्म करता। फिर वह जबरन उनका धर्म परिवर्तन करा देता।

जाँच के दौरान पता चला कि आरोपित ने एक दर्जन से अधिक लड़कियों को हिंदू से मुस्लिम बना दिया है। साथ ही निजाम ने यह भी कबूल किया है कि उसने पीड़ितों को झूठ बोलकर और धमकाकर उनसे कम से कम 25 लाख रुपए लूटे हैं। निजाम का अपना जुर्म कबूल करने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह कबूल करता दिख रहा है कि उसने युवतियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है।

इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड सैय्यद निजाम ने यह भी कबूल किया है कि वो महिलाओं और लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाता था। ग्रूमिंग जिहाद गिरोह में निजाम के अलावा 12 और आरोपित शामिल हैं।


https://hindi.opindia.com/national/uttar-pradesh-bareilly-accused-trying-to-pull-the-widow-from-home-to-nepal-for-force-marriage-by-conversion/

Sunday 29 August 2021

राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी

 

 राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी

गुजरात के वडोदरा शहर की पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट की जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए आरोपितों (सलाहुद्दीन और उमर गौतम) के बारे में बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने सलाहुद्दीन और उमर गौतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया है।

वडोदरा पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपितों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं। सिंह ने बताया कि हवाला फंड दुबई के रास्ते आता था। आरोपितों को एक ट्रस्ट के जरिए यूके, यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपितों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।

पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित – मोहम्मद उमर गौतम और सलाहुद्दीन शेख – फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं और वडोदरा पुलिस की टीम एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट के साथ वहाँ पहुँची थी। दिल्ली निवासी उमर गौतम को जून में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने धोखे से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वहीं शेख को यूपी एटीएस ने पिछले महीने वडोदरा के पानीगेट इलाके से गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर गौतम और अन्य को अवैध धर्मांतरण के लिए धन मुहैया कराया था। मामले की आगे की जाँच करने के लिए वडोदरा पुलिस द्वारा पाँच सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का भी गठन किया गया था।

पिछले दिनों यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला था कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) विदेशों से फंड इकट्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।

बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया था कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकट्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।

संदर्भ : OpIndia


Saturday 28 August 2021

5 राज्यों में बनवाई 103 मस्जिदें, ₹60 करोड की फंडिंग : धर्मांतरण रैकेट का संबंध J&K से भी


गुजरात के वडोदरा शहर की पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट की जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए आरोपितों (सलाहुद्दीन और उमर गौतम) के बारे में बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने सलाहुद्दीन और उमर गौतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया है।

वडोदरा पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपितों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं। सिंह ने बताया कि हवाला फंड दुबई के रास्ते आता था। आरोपितों को एक ट्रस्ट के जरिए यूके, यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपितों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।

पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित – मोहम्मद उमर गौतम और सलाहुद्दीन शेख – फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं और वडोदरा पुलिस की टीम एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट के साथ वहाँ पहुँची थी। दिल्ली निवासी उमर गौतम को जून में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने धोखे से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वहीं शेख को यूपी एटीएस ने पिछले महीने वडोदरा के पानीगेट इलाके से गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर गौतम और अन्य को अवैध धर्मांतरण के लिए धन मुहैया कराया था। मामले की आगे की जाँच करने के लिए वडोदरा पुलिस द्वारा पाँच सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का भी गठन किया गया था।

पिछले दिनों यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला था कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) विदेशों से फंड इकट्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।

बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया था कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकट्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।

Thursday 19 August 2021

JMB आतंकियों की गिरफ्तारी, हुआ नए पैटर्न का खुलासा : हिंदुओं का चोला पहनो, हिंदू लडकियों को फंसाओ

 

पिछले वर्ष ढाका में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की सदस्य आएशा जन्नत उर्फ प्रज्ञा देबनाथ के गिरफ्तार होने के बाद पश्चिम बंगाल में चल रहे धर्मांतरण और माइंडवॉश के घिनौने खेल का पर्दाफाश हुआ था। आएशा एक हिंदू लड़की थी जिसका 2009 में धर्मांतरण हुआ और वह करीब दस साल बाद आतंकी संगठन की सक्रिय सदस्य होने के कारण ढाका में पकड़ी। इसी क्रम में इसी संगठन के तीन सदस्य हाल में फिर बंगाल से पकड़े गए और जब कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने इनसे पूछताछ की तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक जानकारी निकल कर सामने आई और ये भी पता चला कि आखिर प्रज्ञा जैसी लड़कियाँ आएशा में कैसे तब्दील हो रही हैं।

दरअसल, पिछले माह कोलकाता पुलिस की एसटीएफ ने नजीउर रहमान पावेल, मेकैल खान और रबीउल इस्लाम को गिरफ्तार किया था। ये तीनों जेएमबी के संचालक थे और मौका पाकर भारत में घुस आए थे। इसलिए इनकी गिरफ्तारी बड़ी कामयाबी मानी गई। मगर जब पूछताछ हुई तो तस्वीर कुछ और ही थी। हकीकत में आतंकी संगठन से जुड़े यह तीनों सदस्य न केवल अपनी असल पहचान छिपाकर बंगाल के रिहायशी इलाके हरिदेवपुर में अपार्टमेंट लेकर रह रहे थे बल्कि हिंदू लड़कियों को निशाना बना रहे थे ताकि इन्हें एक सेफ पहचान मिल सके। इन्होंने शक की नजरों से बचने के लिए खुद को व्यापारी, फल विक्रेता और मच्छरदानी बेचने वाले के तौर पर पेश किया हुआ था। इनमें नजीउर ने अपना नाम जयराम बेपारी रखा था और फिर मैकेल के साथ दो हिंदू महिलाओं को दोस्ती के जाल में फँसाकर उनसे शादी की योजना बना रहा था।

आतंकी हिंदू धर्म का चोला पहनकर चला रहे मॉड्यूल

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारी कहते हैं, “आतंकी समूहों के लिए धर्म अब वर्जित नहीं है, बल्कि वे इसे अपनी पहचान छिपाने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। धर्म बदलना अब इन आकाओं के लिए कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है, बल्कि वे इंटेलिजेंस को चकमा देने के लिए इसका प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहे हैं।”

अधिकारी बताते हैं कि इन आतंकियों के लिए शादी महत्वपूर्ण और प्रभावी साधन है। इससे इन्हें भारतीय पहचान मिलने में मदद तो मिलती ही है, साथ ही इन्हें एक स्थानीय पहचान भी प्राप्त होती है जो इनके लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। इससे स्थानीय लोग और स्वाभाविक रूप से पुलिस उनके अस्तित्व से अनजान रहती है।

बेरोजगारी का उठाया खूब लाभ

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी में बढ़ी बेरोजगारी का आतंकी संगठनों ने खूब फायदा उठाया। न केवल जेएमबी, अंसारुल्लाह गुट, बल्कि आईएस जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी गुट ने भी युवाओं को निशाना बनाते हुए अपना जाल फेंका। पुलिस की टीम ने स्वयं उन तीनों आतंकियों से पूछताछ के बाद बताया कि ये लोग कभी आमने-सामने मिलकर तो कभी ऑनलाइन बेरोजगार लड़के-लड़कियों को निशाना बना रहे थे।

बंगाल पुलिस में कम हैं स्लीपर सेल से निपटने वाले कॉन्सटेबल

पूछताछ के बाद निकलकर आई जानकारी ने जाँच अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मेधावी बेरोजगारों का ब्रेनवॉश केवल जमीनी स्तर पर ही पुलिस द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए कॉन्सटेबल स्तर के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। मगर, दुर्भाग्य से बंगाल में ऐसा नहीं हुआ। बंगाल पुलिस में उन जवानों की कमी है जो स्लीपर सेल के खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं।

कोलकाता के छोटे गाँव की लड़की प्रज्ञा कैसे बनी JMB की आएशा जन्नत

यहाँ बता दें कि जेएमबी की आएशा भी कोलकाता के धनियाकाली पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गाँव पश्चिम केशाबपुर की रहने वाली थी। पढ़ाई के दौरान उसकी सबसे अच्छी दोस्त मुस्लिम थी। उसके प्रभाव में बेहद खुफ़िया तरीके से प्रज्ञा (आएशा) का धर्म परिवर्तन कराया गया।

साल 2009 के दौरान धोखे से उसे इस्लाम धर्म कबूल कराया गया और फिर उसका नाम बदलकर रखा गया आएशा जन्नत मोहोना। इसके बाद उसमें मजहबी कट्टरता भरकर जेएमबी की सदस्यता दिलाई गई और काम सौंपा गया कि वह भी हिंदू लड़कियों को इस्लाम कबूल करने का लालच दे।

आएशा ने ये सब किया भी। उसने कट्टर मौलवी सलफी से हिंदू लड़कियों का परिचय करवाया और फिर उनके धर्मांतरण पर काम किया। आएशा को संगठन से फंड इकट्ठा करने की ज़िम्मेदारी भी मिली थी। लेकिन उसका मुख्य काम यही था कि सबसे पहले वह ऐसे युवाओं की पहचान करे जिन्हें आसानी से कट्टरपंथी बनाया जा सकता है। इसके बाद उन्हें जेएमबी की सदस्यता दिलवाना था।

राज्य से पकड़ा गया था JMB का टॉप कमांडर

साल 2020 में ही बंगाल के मुर्शिदाबाद में पुलिस ने इस्लामिक आतंकी और जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के टॉप कमांडर अब्दुल करीम उर्फ बोरो अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया था। वह लंबे समय से देश भर में पहचान छिपाकर घूम रहा था। वह बोधगया विस्फोट में शामिल धुलियन मॉड्यूल का भी मेन लीडर था। उसका काम भी युवाओं को भ्रमित करके संगठन से जोड़ना था।

बेंगलुरु में गिरफ्तार हुआ अबू इब्राहिम

ऐसे ही साल 2020 में बेंगलुरु से भी एक गिरफ्तारी हुई। ये गिरफ्तारी ISIS संचालकों में से एक की थी। इसकी पहचान अबू इब्राहिम के तौर पर हुई। जो कभी अर्थशास्त्र का मेधावी छात्र था लेकिन बाद में सुजीत चंद्र देबनाथ बनकर बेंगलुरु में एक राजमिस्त्री के सहायक के तौर पर काम करके अपनी पहचान छिपाकर रहने लगा।

Monday 9 August 2021

जाहिद ने रवि बन शादीशुदा हिन्दू महिला को फंसाया, मजार पर निकाह-धर्मांतरण


उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में शादी के बाद एक महिला का जबरन धर्म-परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस ने शनिवार (7 अगस्त, 2021) को इस मामले में FIR दर्ज की और फिर आरोपित को धर-दबोचा। हालाँकि, कोतवाली पुलिस ने धर्मांतरण की बात से इनकार किया है। इस घटना की सूचना मिलते ही कई हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता पुलिस चौकी में जमा हो गए और कार्रवाई की माँग की।

पुलिस ने जब आरोपित के घर दबिश दी तो वो वहाँ नहीं मिला। उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री दिनेश सिंह तोमर और हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष सुबोध मिश्रा को महिला ने अपनी आपबीती सुनाई थी। महिला ने उन्हें बताया कि उसका विवाद 2004 में हुआ था, जिसके बाद दो बेटियाँ भी हुईं। पति मानसिक रोगी था, इसीलिए वो एक अस्पताल में नौकरी करने लगीं।

वहीं पर जाहिद नाम का युवक छद्म हिन्दू नाम के साथ नौकरी कर रहा था। वहाँ वो ‘रवि’ नाम से रह रहा था। उक्त युवक ने महिला के साथ नजदीकी बढ़ा कर उसे अपने जाल में फाँस लिया और फिर शादी कर ली। महिला की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। आरोप है कि 2015 में जाहिद उक्त महिला को कायमगंज स्थित एक मजार पर ले गया, जहाँ उसका धर्मांतरण करा दिया। कलमा और दारूल शरीफ की शिक्षा देने का भी आरोप है।

महिला का आरोप है कि उसके पिता की मौत के बाद मिले 1 लाख रुपए भी धीरे-धीरे कर आरोपित ने हड़प लिए। 24 जून, 2021 को बेटी के नाम जमा 50 हजार रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी तुड़वा दी और वो रुपए भी छीन लिए। पीड़िता से अब वो तलाक लेना चाहता है। हिन्दू संगठनों ने स्थानीय कोतवाल को इसकी सूचना दी। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जबरन रुपए ऐंठने और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने बताया कि ससुराल में पीड़िता के साथ मारपीट होती थी और उसे प्रताड़ित किया जाता था। पीड़िता का आरोप है कि जाहिद सलीम का पेशा ही है कि वो युवतियों को अपने जाल में फँसा कर उनका इस्लामी धर्मांतरण कराता है। एसपी ने खुद संज्ञान लेकर नगर कोतवाल को इस मामले की जाँच करने के आदेश दिए हैं। उक्त युवक के साथ शादी के बाद महिला की एक पुत्री भी हुई। आरोप है कि मजार पर युवक ने कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करा कर महिला को बताया था कि अब हमारा निकाह हो गया है।

Wednesday 4 August 2021

धर्मांतरण का विरोध कर रहे रामलिंगम की हत्या के आरोपित PFI सदस्य रहमान को NIA ने किया गिरफ्तार

 राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (05 अगस्त 2021) को यह सूचना दी कि तमिलनाडु के तंजावुर में साल 2019 में हुई रामलिंगम की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता रहमान सादिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। रामलिंगम ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ‘दावा’ कार्यक्रम का विरोध किया था जिसके बाद 05 फरवरी 2019 को उसकी हत्या कर दी गई थी।

ज्ञात हो कि रामलिंगम ने PFI के नेताओं के द्वारा किए जा रहे कार्य का विरोध किया था। इसके अंतर्गत PFI के नेता हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण करा रहे थे। NIA ने बताया कि रामलिंगम ने एक आरोपित मोहम्मद फारुक के सिर से ताक़िया हटाकर उसके माथे पर तिरुनीर लगाकर यह जताने की कोशिश की कि सभी धर्म समान हैं। रामलिंगम की इस कोशिश का बदला लेने और लोगों के मन में खौफ पैदा करने के उद्देश्य से रहमान सादिक ने रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।

इस मामले में 06 फरवरी 2019 को ही केस दर्ज कर लिया गया था। NIA के प्रवक्ता ने बताया कि बाद में NIA ने मामले को अपने हाथ में लिया और 07 मार्च 2019 को NIA के द्वारा दोबारा केस दर्ज किया गया। मामले की जाँच में यह सामने आया कि सादिक तंजावुर में PFI के दावा कार्य का एडमिनिस्ट्रेटर था। उसने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर थिरुभुवनम में रामलिंगम की हत्या की साजिश रची।

NIA ने बताया कि सादिक और उसके अन्य साथियों ने हत्या के लिए हथियार, वाहन और छुपने के लिए जगह का पूरा बंदोबस्त किया। NIA ने 02 अगस्त 2019 को चार्जशीट दायर की जिसमें 18 लोगों को आरोपित बनाया गया जो PFI और SDPI से जुड़े हुए थे। सादिक, पूरी साजिश को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई स्थानों में पिछले 2 सालों से छुपा हुआ था। सादिक पर ऐसे कार्यों के लिए कट्टरपंथियों की भर्ती करने का आरोप भी है।

ज्ञात हो कि 05 फरवरी 2019 को तंजावुर के निवासी रामलिंगम की इस्लामिक संगठनों PFI और SDPI के सदस्यों के द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या करने से पहले रामलिंगम के हाथ काट दिए गए थे। NIA की चार्जशीट में बताया गया था कि इन संगठनों के ‘मजहबी कार्यों में बाधा डालने’ के कारण रामलिंगम को रास्ते से हटाया गया था।

Tuesday 3 August 2021

नौशाद ने शादी का झाँसा देकर नाबालिग के साथ किया रेप, गर्भवती होने पर बनाया धर्मांतरण का दबाव


उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले थम नहीं रहे हैं। ताजा मामला अमेठी के जामो थाना क्षेत्र का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जामो थाना क्षेत्र के एक गाँव में रहने वाली 16 वर्षीय दलित नाबालिग को शादी का झाँसा देकर उसी गाँव के मुस्लिम युवक ने लगातार 7 महीने तक दुष्कर्म किया। बताया जा रहा है ​कि जब लड़की 3 महीने की गर्भवती हुई, तब परिजनों को उसके संबंधों के बारे में जानकारी हुई।

पीड़िता के पिता ने जामो थाने में आरोपित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोपित अब्बू और उसके बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि वह अहमदाबाद में नौकरी करते हैं। जब वह शुक्रवार (30 जुलाई) को अपने घर आए तो उन्हें पता ​चला कि उनकी नाबालिग बेटी 3 महीने की गर्भवती है, जिसके साथ नौशाद पिछले 7 महीने से दुष्कर्म कर रहा था।

पीड़िता के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि जब नौशाद और उसके अब्बू को यह पता चला कि मेरी बेटी गर्भवती है, तब वह मेरे घर पर आए और उस पर जबरन गर्भपात और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगे। उन्होंने बताया कि जब मैंने उनका विरोध किया, तो उन लोगों ने मुझे जान से मारने की धमकी दी।

वहीं, पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जब वह घास लेने के लिए गई थी, तभी वह मुस्लिम लड़का उसके पीछे-पीछे आ गया था। पीड़िता ने बताया कि उसने मुझे शादी का झाँसा दिया और मेरे साथ लगातार 7 महीनों तक दुष्कर्म किया। इसके बाद जब मैं गर्भवती हो गई, तब उसने मुझसे शादी करने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि अगर तुम धर्म परिवर्तन करोगी, तभी मैं तुम्हारे साथ निकाह करूँगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जामो पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत पर दोनों के खिलाफ बलात्कार, धमकी देने, धर्म परिवर्तन अधिनियम, पॉक्सो और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि जल्दी ही घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। आरोपितों की तलाश में टीमें लगा दी गई है और पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया गया है।

Monday 2 August 2021

मुरादाबाद : सलमान और उसके भाइयों ने हिन्दू लडकी को अगवा कर जबरन कराया धर्म परिवर्तन


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कांशीराम नगर में सोमवार (26 जुलाई, 2021) को बदमाशों ने एक लड़की का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया। यह इलाका मझोला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

जानकारी के मुताबिक पीड़िता गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उनकी आर्थिक स्थिति की वजह से वे महबूब और दिलखुश नाम के परिवार के निशाने पर आ गए। पीड़िता के पिता ने बताया कि पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आरोपित और उसके बेटे आए दिन दबंगई दिखाते रहते हैं।

मुख्य आरोपित की पहचान महबूब और दिलखुश के बेटे सलमान के रूप में हुई है। सलमान ने पहले कई मौकों पर पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की थी। लड़की के परिवार ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद उसने कुछ दिनों तक तो उसे परेशान नहीं किया, लेकिन कुछ दिनों बाद वह फिर से लड़की के साथ छेड़छाड़ करने लगा। जब पीड़िता के परिवार ने इसकी शिकायत की, तो आरोपित और उसके परिवार ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी।

सलमान के परिवार से शिकायत करने पर उनके परिवार को लाठियों से भी पीटा गया। 26 जुलाई को लड़की रहस्यमय तरीके से घर से गायब हो गई। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। करीब तीन दिन बाद 29 जुलाई को गीता सैनी नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि लड़की का अपहरण सलमान और उसके भाइयों ने एक कार में किया था। चश्मदीद ने बताया कि लड़की कार में चिल्ला रही थी और यह भी कह रही थी कि उसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया है।

इसकी शिकायत दिलखुश से करने पर लड़की के परिवार वालों को लाठी-डंडों से पीटा गया। हालाँकि वे जान बचाने में सफल रहे। इसके बाद परिजनों ने 6 लोगों के खिलाफ मझोला थाने में शिकायत दर्ज कराई। लड़की के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि सलमान का परिवार पीड़ित लड़की पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहा है।

सलमान ने पीड़िता को एक साल से ज्यादा समय तक किया परेशान

इसके बाद पुलिस ने सलमान, फैजान, अरशद, शानू, दिलखुश और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मझोला थाने के निरीक्षक के अनुसार मामले की जाँच शुरू कर दी गई है और आरोपित की तलाश शुरू कर दी गई है। वहीं, पीड़िता की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। यह भी सामने आया है कि आरोपित सलमान पिछले एक साल से पीड़िता को परेशान कर रहा था। हालाँकि, कांशीराम नगर पुलिस चौक में शिकायत करने पर परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़की को दोषी ठहराया और शिकायत को खारिज कर दिया।

इस घटना से हिंदू संगठनों में हड़कंप मच गया है। यह जानने के बाद कि पीड़िता का अपहरण किया गया और जबरन धर्म परिवर्तन किया गया, हिंदू अधिकार कार्यकर्ता प्रांशु जोशी ने पुलिस से अपहृत लड़की की शीघ्र बरामदगी सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने पुलिस को पीड़ित की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में विफल रहने पर बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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