इस्लामी धर्मांतरण के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद से ही उत्तर प्रदेश एटीएस इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है।इसी क्रम में छठी गिरफ्तारी हुई है। गुजरात और यूपी एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई में सलाहुद्दीन शेख को दबोचा है।
देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार सलाहुद्दीन शेख वडोदरा के AFMI के चैरिटेबल ट्रस्ट का मैनेजिंग ट्रस्टी है। वह इस्लामिक धर्मांतरण के लिए उमर गौतम को विदेशी फंडिंग उपलब्ध कराता था।
इंडियन एक्सप्रेस से इस बारे में चर्चा करते हुए गुजरात एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपित सलाहुद्दीन शेख को वडोदरा से गिरफ्तार कर बुधवार (30 जून) की शाम को अहमदाबाद की अदालत में पेश किया गया जहाँ से 3 जुलाई तक की हिरासत मिली उसे यूपी एटीएस टीम को सौंप दिया गया है।
यूपी एटीएस ने भी अपने वक्तव्य में यह सूचना दी है कि शेख ने कबूल किया है कि वह उमर गौतम को जानता है और धर्मांतरण के लिए उसे हवाला का पैसा उपलब्ध कराता था। शेख ने कथित तौर पर उमर गौतम को 30 लाख रुपए उपलब्ध कराए हैं। उमर गौतम इस्लामिक दावाह केंद्र का संस्थापक है जो इस मामले में जाँच के दायरे में है।
फंडिंग की डिटेल
FCRA के अनुसार 2016-21 के दौरान सलाहुद्दीन शेख के एनजीओ को लगभग 10 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग मिली। देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार शेख के संगठन AFMI को 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान क्रमशः 1.62 करोड़, 1.4 करोड़, 2.75 करोड़ रुपए और 4 करोड़ रुपए की फंडिंग प्राप्त हुई। हालाँकि अभी 2020-21 के आँकड़े प्राप्त नहीं हो सके हैं।
अधिकांश फंड यूके और अमेरिका के संगठनों से प्राप्त हुए हैं। इनमें यूके के जुलेखा जिंगा फाउंडेशन, मजिलिस अल फतह ट्रस्ट, फ़िरदौस फाउंडेशन, इखार विलेज वेल्फेयर ट्रस्ट, नॉर्थ वेस्ट रिलीफ़ ट्रस्ट और गुजराती मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ अमेरिका शामिल हैं।
यह फंड अस्पतालों के संचालन, गरीबों की शिक्षा और विधवाओं को मासिक तौर पर राशन प्रदान करने के नाम पर लिए गए हैं। यह दावा किया गया है कि AFMI चैरिटेबल ट्रस्ट छोटा उदयपुर के जनजातीय इलाकों में अंग्रेजी मीडियम स्कूल चलाता है।
इससे पहले रिपब्लिक टीवी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि कट्टरपंथी जाकिर नाईक और उसके सहयोगी बिलाल फिलिप्स के साथ उमर गौतम के संबंध हैं। ये दोनों ही आतंकी संगठनों तालिबान और हमास से जुड़े हुए हैं।
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