देश में इस्लामिक धर्मान्तरण की एक के बाद एक खबर आ रही है। अब गुजरात से भी धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। राज्य के सूरत शहर स्थित आजाद नगर का रहने वाला संतोष पंढारे धर्मान्तरण कर अब्दुल्ला बन गया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही उसके बड़े भाइयों ने उसे वापस लाने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत का रहने वाला संतोष धर्मान्तरण का शिकार हो गया है। वह आजाद नगर में अपने दो बड़े भाइयों के साथ रहता था। तीनों के माता-पिता का बेचपन में देहांत हो गया था। अनाथ होने के बाद तीनों का जीवन गरीबी में कट रहा था। वर्ष 2013 में एक दिन 16 वर्षीय नाबालिग संतोष (अब अब्दुल्ला) घर से काम की तलाश में निकला तो वापस नहीं लौटा।
उसके भाइयों ने उसे काफी ढूँढा, लेकिन वो नहीं मिला। करीब 7-8 साल बीतने के बाद एक दिन वह अपने भाइयों के माोबाइल पर फोन करता है और अपने बारे में बताता है। फोन पर बात होने के बाद उसके भाइयों राजेश और दिनेश ने उसे सूरत वापस लाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो उसमें सफल नहीं हुए।
संतोष के भाई राजेश के मुताबिक, उस दौरान वो नाबालिग था, इसलिए उसे पहला-फुसला कर कुछ लोग अपने साथ ले गए और धर्मान्तरण करवा दिया। उसने ये भी बताया कि दो साल पहले उसे सूरत लाया गया था, जहाँ उसने अपने ही भाइयों को मारने के लिए गुंडे बुलाए थे। हालाँकि, एक दिन अचानक से वो गायब हो गया था।
संतोष के भाइयों के मुताबिक, उन्होंने बजरंग दल के देवी प्रसाद दुबे से मदद माँगी थी। इसके अलावा सूरत के तत्कालीन कमिश्नर सतीश शर्मा ने मामले में संज्ञान लिया था। जिसके बाद क्राइम ब्राँच की टीम उसे सूरत वापस लाई थी। फिलहाल वो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कहीं रह रहा है।
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