हिन्दू युवतीयों जैसे अब हिन्दू युवकों को भी ‘लव्ह जिहाद’द्वारा फंसाने का आंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ! यह रोकने हेतु बचपन से ही अपने बच्चों को धर्मशिक्षा देकर उनमें धर्माभिमान निर्माण करना आवश्यक है ! – vsk,odisha
मुंबई : मुंबई में २३ साल के एक छात्र ने अपना घर छोड़ दिया है। छात्र के कट्टरपंथी होने का संदेह जताया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यह छात्र शायद खाड़ी देश चला गया है।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करानेवाले परिवार ने पुलिस को बताया है कि छात्र जगदीश दालाराम परिहार ने अपने भाई को फोन पर बताया है कि वह इस्लाम स्वीकार करने जा रहा है। उसने कहा है कि वह हिन्दू धर्म को नापसंद करता है !
परिवार ने कहा कि परिहार मुंबई के मुलुंड का रहनेवाला है। वह सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी महिला के साथ चैट करता था। मंगलवार को घर छोडने से पहले अपने साथ वह पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेज ले गया है। उसने बैंक खाते से पैसे भी निकाल लिए। पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिहार ने गुरुवार सुबह अपने परिवार के सदस्यों को फोन किया और बताया कि वह सुरक्षित है और वह डेढ महीने बाद घर लौटेगा। पत्राचार से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा परिहार अपने माता-पिता और एक छोटे भाई के साथ रहता है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मंगलवार को घर छोडने के बाद उसने अपने छोटे भाई भावेश को फोन किया और उससे कहा कि वह हिंदू धर्म को नापसंद करता है इसलिए इस्लाम धर्म स्वीकार करने जा रहा है। इसके बाद उसके परिवार ने मुलुंड थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई !’
पुलिस की जांच में आखिरी लोकेशन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बता रही थी। भाई ने बताया कि महिला से उसे चैट करने से रोका गया था, लेकिन उसने इसपर ध्यान नहीं दिया था।
सोमवार को मुस्लिम परिवार ने एसडीएम बड़ौत में शपथ-पत्र देकर धर्म बदलने की घोषणा की थी, हिंदू संगठन ने मंगलवार को पूजा-पाठ के बाद हिंदू धर्म में शामिल करवाने का ऐलान किया था.
कुलदीप चौहान, बागपतः धर्म परिवर्तन का मामला यूपी में अक्सर सुर्खियों में रहता है और अक्सर हिन्दू धर्म के लोग या तो धर्म परिवर्तन करते हैं या चेतावनी देते हैं, लेकिन इस बार मुस्लिमों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. बागपत में एक ही परिवार के 13 सदस्यों ने पुलिस उत्पीड़न और मुस्लिम समाज की अनदेखी के चलते धर्म परिवर्तन कर लिया. इस दौरान खूब जय श्री राम के नारे लगे, वंदे मातरम भी गाया गया और हर हर महादेव के भी जयकारें लगे. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर चल रहे माहौल के बीच 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. सबसे बड़ी बात ये रही कि इस कार्यक्रम से पुलिस और प्रशासन ने दूरी बनाए रखी.
बागपत जिले के बदरखा गांव में शिव मंदिर में मंगलवार को हुए हवन पूजन में जिन लोगों ने यज्ञ वेदी में आहूति दी वो आज से पहले मुस्लिम थे. बता दें कि सोमवार को इस मामले में सभी कागजी कारवाही पूरी कर भले ही इन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया, लेकिन रीति रिवाज और बिना हवन पूजन के ये धर्म परिवर्तन शायद अधूरा था, इसीलिए मंगल के दिन इस हवन पूजन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के लिए पंडित ने हवन पूजन से पहले वेदी बनाई, नवग्रह की पूजा अर्चना कराई और फिर तिलक कर हवन शुरू कराया और कुछ देर बाद धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया. .
अब आपको मुस्लिम परिवार के सदस्यों के हिन्दू बनने की वजह भी बताते हैं. दरअसल, बदरखा गांव के रहने वाले अख्तर अली कुछ महीने पहले निवाड़ा गांव जाकर रहने लगे. पहले अख्तर अली और अब धर्म सिंह के बेटे गुलहसन की 27 जुलाई को बागपत के निवाड़ा गांव में हत्या हो गई और शव फांसी के फंदे पर लटका मिला. इस हत्या के खुलासे के लिए परिवार के लोग पुलिस से मिले लेकिन आरोप है कि पुलिस ने हत्या को आत्महत्या दर्शा दिया. खूब थाने के चक्कर काटे, लेकिन इंसाफ नही मिला, मुस्लिम समाज की भी पंचायत हुई, लेकिन वहां भी इन्हें धुत्कार दिया गया.
इसके बाद पुलिस की प्रताड़ना और मुस्लिम समाज के साथ ना देने से पूरे परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया और एसडीएम बड़ौत के यहां एफिडेविट दे दिया. इसके बाद वापिस अपने गांव में बदरखा में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया.
अख्तर अली से धर्म सिंह बने और उनके बेटे दिशाद से दिलेर सिंह, नौशाद से नरेंद्र और इरशाद से कवि बन गए और तीनों की पत्नियों, दो पोते और चार पोतियां भी शामिल है. हालांकि महिलाओं को पोतियों को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया और परिवार के बच्चो सहित 7 लोग इसमें शामिल रहे. अब इन लोगों का कहना है योगी से उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा और जरूरत पड़े तो इसकी सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.
धर्म परिवर्तन और नामकरण का विधि विधान से समापन होने के बाद आरती भी की गई....जयश्री राम के जयकारें लगे, वंदे मातरम भी गाया गया, और फिर हर हर महादेव के जयकारे भी लगे. ये पूरा कार्यक्रम युवा हिन्दू वाहिनी भारत के सहयोग से सम्पन्न हुआ और युवा हिन्दू वाहिनी के जिलाध्यक्ष योगेंद्र तोमर का कहना है कि इन लोगों ने घर वापसी की है.
नई देहली : कथित ‘लव जिहाद’ मामले की जांच कर रही नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के अनुसार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने संभवतः ‘सम्मोहन’ का उपयोग किया था ! एनआईए जांच के अनुसार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडियाद्वारा संचालित धार्मिक मामलों में सहयोग करनेवाला केंद्र सत्यसारिणी अपने टारगेट्स को यह यकीन दिलाता था कि दूसरे मजहब के लोग उनसे हीन हैं और इसके लिए संभवतः ‘सम्मोहन’ की तकनीक का उपयोग किया जाता था !
सत्यसारिणी का दावा है कि, वह इस्लामी ज्ञान का प्रसार करता है । एनआईए को जांच में पता चला है कि सत्यसारिणी के उपदेशक लोगों के अवचेतन मन को टारगेट करते थे और उन्हें यह यकीन दिलाने का प्रयास करते थे कि गैरइस्लामी लोग जहन्नुम जैसी यातना का सामना करेंगे ।
एनआईए ने कथित लव जिहाद के ११ मामलों की जांच की और इनमें से ९ में सत्यसारिणी, जिसे मरकज हिदाया दावा इन्स्टिट्यूट के नाम से भी जाना जाता है, की भूमिका पाई गई है ! सूत्रों के अनुसार इन लोगों को सत्यसारिणी इस्लामी अध्ययन केंद्र में २ महीने के धार्मिक कोर्स के लिए भेजा गया था ।
जांचकर्ताओं को पीएफआई-सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं की कार्यप्रणाली में एक पैटर्न दिखा कि किस तरह उन्होंने लोगों सत्यसारिणी में जाने के लिए मनाने की खातिर प्रलोभन, कैद और जोर-जबरदस्ती का सहारा लिया । टारगेट्स को सत्यसारिणी में भेजने के बाद जबरदस्त काउंसलिंग, ब्रेनवॉशिंग और मुस्लिमों पर कथित अत्याचारों के विडियो दिखाकर उनका धर्मपरिवर्तन कराया जाता था । कट्टरपंथी संगठनोंद्वारा धर्मपरिवर्तन के लिए कथित अत्याचारों का हवाला देकर टारगेट को प्रेरित करने की कॉमन रणनीति अपनाई जाती रही है ।
एनआईए के आरोपों को पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने खारिज किया है । पीएफआई के पब्लिक रिलेशंस डायरेक्टर मोहम्मद शमून ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘एजेंसी जानबूझकर एक ऐसे शांतिप्रिय और कानून को माननेवाले संगठन की छवि को धूमिल और कलंकित कर रही है, जो देश के कमजोर तबकों के सामाजिक उत्थान और न्याय के लिए संघर्ष करता है !’
एनआईए जिन मामलों की जांच कर रही है उनमें महिलाओं के साथ-साथ कुछ पुरुषों के मामले भी शामिल हैं । इन मामलों में बहुचर्चित हदिया केस भी शामिल हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया कि वह अपने पति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है ! ये मामले पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) से जुड़े हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इन मामलों की जांच हो रही है ताकि इनकी जांच तार्किक अंजाम तक पहुंचे !
इस बात की जांच की जा रही है कि क्या ‘लव जिहाद’ के जरिए दूसरे मजहब के लोगों का धर्मपरिवर्तन कराने के लिए संगठित रूप से प्रयास किए गए थे ? सूत्रों ने बताया कि ६ मामले ऐसे हैं जिनमें महिलाओं का धर्मपरिवर्तन कराया गया और ४ ऐसे मामले हैं जिनमें उन पुरुषों का धर्मपरिवर्तन कराया गया जो किसी मुस्लिम पार्टनर के साथ रिश्ते में थे । ३ अन्य मामलों में माना जा रहा है कि धर्मपरिवर्तन की कोशिशें नाकाम हो गईं ।
सभी मामलों में पीएफआई-एसडीपीआई का कॉमन लिंक पाया गया । इन तीन मामलों में करीब १३ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से सभी पीएफआई के कथित कार्यकर्ता या उससे सहानुभूति रखनेवाले हैं !
एनआईए के जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि २०१७ में हदिया की शफीन जहां के साथ शादी को अमान्य घोषित करने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मुस्लिम एकोपना समिति के बैनर तले केरल में हिंसक प्रदर्शनों के लिए गिरफ्तार २५ लोग पीएफआई या एसडीपीआई से जुड़े हुए थे । २९ जून २०१७ में मुस्लिम एकोपना समिति के बैनर तले केरल में जगह-जगह उग्र और हिंसक प्रदर्शन हुए थे !
पाकिस्तान : हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाने का अड्डा बना सिंध का दरगाह
February 11, 2018
नई देहली : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक और हिन्दू लडकी निशा को जबरन मुसलमान बनाकर निकाह कराने में स्थानीय नेता मियां मिट्ठू का हाथ होने की पुष्टि हुई है । वह पहले से इसके लिए कुख्यात है । यहां तक कि न्यूयार्क टाइम्स भी उसके बारे में यह खबर छाप चुका है कि वह किस तरह एक दरगाह के संचालक अपने भाई मियां शमां की मदद से वह अगवा की गई हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाता है और फिर उनका निकाह किसी मुसलमान लडके से करा देता है । इस सप्ताह घोटकी जिले की हिन्दू लडकी निशा को मियां मिट्ठू के भाई पीर मियां शमां की ओर से संचालित दरगाह में ही मुसलमान बनाया गया । यह दरगाह भरंचडी शरीफ के तौर पर जानी जाती है, परंतु इलाके में इसकी पहचान एक ऐसी दरगाह के तौर पर है जहां हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाया जाता है ।
सिंध के घोटकी जिले के भरचंडी इलाके में स्थित दरगाह के जबरन धर्मांतरण को लेकर चर्चा में आने पर कुछ साल पहले न्यूयार्क टाइम्स के संवाददाता ने मियां मिट्ठू और उसके भाई पीर मियां शमां से मुलाकात की थी । दोनों ने हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाने से इन्कार किया था, परंतु यह दावा किया था कि वे अब तक २०० हिन्दू लडकियों को उनकी कथित मर्जी से मुसलमान बनाकर उनका निकाह करा चुके हैं । इस संवाददाता से खुद पाकिस्तान मानवाधिकार आय़ोग ने यह माना था कि हर महीने लगभग २० हिन्दू लडकियां अगवा की जाती हैं ।
मियां मिट्ठू की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान से उसे अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है । वह उनकी पार्टी से अगला चुनाव लडने जा रहा है । एक बार हिन्दुओं के विरोध पर इमरान उसे अपनी पार्टी-तहरीके इंसाफ में शामिल करने से पीछे हट गए थे, परंतु कुछ दिनों पहले उन्होंने उसे अपना लिया । इसके बाद से सिंध के हिन्दू और ज्यादा डर के साए में हैं । यह मियां मिट्ठू के खौफ का ही नतीजा है कि उसका भाई खुलेआम यह कह चुका है कि उसका मकसद कम से कम दो हजार हिन्दू लडकियों को मुसलमान बनाना है । घोटकी के लोग इस ऐलान से अच्छी तरह अवगत हैं । सिंध में हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाने के मामले में भरचंडी शरीफ दरगाह की भूमिका के बारे में पाकिस्तान के अखबार भी कभी-कभार पर लिखते रहे हैं ।
पिछले साल वहां के अंग्रेजी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के १९ जून के अंक में कमाल सिद्दिकी ने व्हाट ए शेम शीर्षक से लिखा था, “बीते तीन साल में भरचंडी शरीफ दरगाह में १५० से ज्यादा असहाय हिन्दू लडकियों को जबरन मुसलमान बनाया गया है । एक बार लडकी अगवा हो जाए तो फिर सब कुछ ड्रामा होता है । लडकी के मां-बाप इधर-उधर दौडते हैं । गुहार लगाते हैं । जब तक थाने में रिपाेर्ट लिखी जाती है तब तक दरगाह का पीर लडकी के मुसलमान बन जाने और निकाह कर लेने का सर्टिफिकेट जारी कर देता है ।’’
कमाल सिद्दिकी के अनुसार सिंध में हिन्दू लडकियों को अगवा करने का धंधा इतना तेज हो गया है कि अधिकांश मां-बाप उन्हें स्कूल ही नहीं भेज रहे हैं ।